दूसरी पीढ़ी के टॉप आईआईटी में से एक आईआईटी मंडी ने हाल ही में अपने बहुप्रतीक्षित ओपन हाउस डेमोंस्ट्रेशन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के डिजाइन प्रैक्टिकम कोर्स के दूसरे वर्ष के बी.टेक छात्रों द्वारा विकसित अत्याधुनिक परियोजनाओं को शामिल किया गया। ये प्रोजेक्ट स्वास्थ्य संबंधी तकनीक, भविष्य की तकनीक, सस्टेनेबिलिटी और एडवांस्ड रोबोटिक्स जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित हैं। संस्थान प्रत्येक समूह को अपने प्रोटोटाइप विकसित करने, नवाचार और
व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ₹30,000 का सपोर्ट प्रदान करता है। ओपन हाउस डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से, आईआईटी मंडी का उद्देश्य उद्यमिता से संबंधित प्रयासों को बढ़ावा देना है। शीर्ष तीन परियोजनाओं को संस्थान के प्रमुख इनक्यूबेटर आईआईटी मंडी कैटालिस्ट के माध्यम से ₹2.5 लाख का विकास अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह अनुदान छात्रों को अपने प्रोटोटाइप को और बेहतर बनाने, व्यावसायीकरण के अवसरों की खोज करने और भारत के बढ़ते स्टार्टअप सिस्टम में योगदान देने में सहायता करेगा।ओपन हाउस डेमोंस्ट्रेशन में प्रदर्शित 42 इनोवेटिव प्रोटोटाइप में से कई प्रोजेक्ट अपनी रचनात्मकता और संभावित प्रभाव के लिहाज से सबसे अलग थे। शीर्ष तीन प्रोजेक्ट में से एक ‘फ्लड मॉनिटरिंग सिस्टम’ भी था, जिसमें फुल-इमेज सिस्टम पर आधारित कैमरा लगा है। इस उपकरण को जल स्तर, वेग और वर्षा जैसी महत्वपूर्ण स्थितियों पर वास्तविक समय का डेटा और इनसे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक ऐसा प्रोटोटाइप है, जो बाढ़ के दौरान क्षति नियंत्रण के लिहाज से एक आशाजनक उपकरण साबित होता है।
अन्य उल्लेखनीय प्रोटोटाइप में माइक्रोवेव का उपयोग करके हड्डी में फ्रेक्चर का पता लगाने से संबंधित उपकरण शामिल है। इसे एक्स-रे का एक सुरक्षित विकल्प माना जा सकता है। इसके अलावा, अनुकूल सौर प्रदर्शन बनाए रखने के लिए सोलर पैनल क्लीनिंग रोबोट; टिकाऊ खेती के लिए हाइड्रोपोनिक सिस्टम के साथ जलवायु-नियंत्रित कृषि; मेटल एयर बैटरी, एक उन्नत ऊर्जा भंडारण समाधान; और रेलवे ट्रैक निरीक्षण और रखरखाव को बेहतर बनाने के लिए रोबोट जैसे प्रोटोटाइप भी पेश किए गए। ये प्रोजेक्ट नवाचार को बढ़ावा देने और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए आईआईटी मंडी की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
डॉ. सत्वशील पोवार, निदेशक इनक्यूबेशन (आईआईटी मंडी केटालिस्ट - टैक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर), ने कहा, "आईआईटी मंडी में, हमारा लक्ष्य इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए समस्या-समाधान की संस्कृति को विकसित करना है। शुरुआत में, हमने विज्ञान और इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित किया, हालांकि, हम अपने छात्रों को हमारे डिजाइन प्रैक्टिकम और टैक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर के माध्यम से उद्यमिता में भी प्रशिक्षित करते हैं। यह दृष्टिकोण भविष्य के लिए तैयार रचनाकारों के विकास पर जोर देता है जो महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए अपनी परियोजनाओं का उपयोग कर सकते हैं। आज प्रदर्शित शोध-आधारित प्रोटोटाइप हमारे छात्रों की सरलता और दृढ़ संकल्प का परिणाम हैं। हमें इन उज्ज्वल और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का समर्थन करने पर गर्व है क्योंकि वे अपने विचारों को प्रयोगशाला से वास्तविक दुनिया में ले जाते हैं।’’
इस अवसर पर, सेवानिवृत्त एवीएम प्रणय सिन्हा, वीएसएम (सेवानिवृत्त), रणनीतिक सलाहकार - आईआईटी मंडी भी मौजूद रहे। उनके साथ भारतीय वायु सेना के तीन अधिकारी; डॉ. भूपेंद्र पटेल, एम्स बिलासपुर में फिजियोलॉजी के सहायक प्रोफेसर; डॉ. नवदीप आहूजा, एम्स बिलासपुर में फिजियोलॉजी के सहायक प्रोफेसर; और राजेश सुब्रमणि, सेक्शन हेड-डीजीएम-प्रोटो मैन्युफैक्चरिंग, आरएंडडी- हीरो मोटो कॉर्प लिमिटेड के साथ-साथ छात्र और संकाय सदस्य भी मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में 42 अनूठे प्रोजक्ट प्रदर्शित किए गए, जिनमें से प्रत्येक रचनात्मक और व्यावहारिक समाधानों के साथ वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान तलाशने का प्रयास करता है। आस-पास के स्कूलों के लगभग 500 छात्रों ने ओपन हाउस डेमोंस्ट्रेशन का दौरा किया, जिससे प्रौद्योगिकी विकास और उद्यमिता में उनकी रुचि जागृत हुई। कार्यक्रम का समापन और अधिक इनोवेशन और उद्यमिता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ हुआ।
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