नई दिल्ली में ऋषभ विहार के समीप जिन तीर्थ मंडपम सीबीडी ग्राउंड में 12 नवंबर को यमुनापार जैन समाज और श्री दिगम्बर जैन समाज यमुनापार कृष्णा नगर द्वारा चार दिवसीय भगवती जिन दीक्षा महामहोत्सव एवं गुरुदेव श्री 108 विमर्श सागर जी महा मुनिमहाराज का स्वर्णिम उत्सव आरंभ हो गया।
इस आयोजन के मुख्य संयोजक पूर्व निगम पार्षद नरेंद्र जैन और आयोजन समिति से जुड़े
आयोजन समिति के सतीश जैन, वरुण जैन अनुराग जैन और दीपक जैन ने बताया आयोजन के अंतिम दिन 15 नवंबर को राजधानी में पहली बार इन 13 वीर बेटियों को भगवती जिनदीक्षा प्रात काल की मंगल वेला में केश लौच आदि सभी क्रियाओं के साथ भगवती जिनदीक्षा महामहोत्सव का समापन होगा।
आयोजन समिति से जुड़े टीनू जैन ने बताया कि जैन धर्म में जब कोई भी साधु , वैराग्य जीवन में जाता है तो समाज द्वारा आखिरी बार उसको सांसारिक रागों के बीच से सम्मान दिया जाता है। इस यात्रा व सम्मान को बिनौली यात्रा कहते हैं। आचार्य विमर्श सागर जी महाराज की शिष्या विशु दीदी सहित 12 दीक्षार्थी बहने सांसारिक बंधन से मुक्त होकर संयम के मार्ग पर चलने के लिये अग्रसर है। आचार्य श्री ने कहा आज भी युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा सांसारिक बंधनों से मुक्ति चाहता है, यह गर्व की बात है जैन समाज में बहुत रईस और समाज में अच्छा रसूख रखने वाले ऐसे बहुत से युवक युवतियां है और पिछले कुछ वर्षों में समाज की 16 वर्ष से 25 वर्ष आयु तक की कई बहनों ने इस संसार और मोह को त्याग को छोड़ वैराग्य का बेहद कठिन रास्ता चुना।
आयोजन समिति के टीनू जैन के अनुसार आज से शुरू हुए इस चार दिवसीय जिनागम पंथी गुरु भक्तों के महाकुंभ में प्रतिदिन दिल्ली सहित अनेक राज्यों से हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।
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